दोस्तों बवासीर या पाइल्स आज की भागदौड़ भरी ज़िंदगी में बहुत आम समस्या बन गई है। ग़लत खान-पान, कब्ज़, घंटों तक बैठना, तनाव और पानी की कमी जैसी चीजें इस रोग को बढ़ावा देती हैं। इसमें गुदा (anus) के अंदर या बाहर सूजन आ जाती है और मल त्याग के समय दर्द और जलन होती हैं और साथ ही खून आने लगता है।
आयुर्वेद के अनुसार, यह समस्या तब होती है जब शरीर में “वात” और “पित्त” दोष का असंतुलन हो जाता है। लेकिन अच्छी बात यह है कि अगर शुरुआत में ही ध्यान दिया जाए, तो कुछ घरेलू नुस्खों की मदद से इसे पूरी तरह नियंत्रित किया जा सकता है।
तो आइए जानते हैं, घर पर ही बवासीर से राहत पाने के कुछ असरदार और आज़माए हुए घरेलू नुस्खे
बवासीर के मुख्य लक्षण (Symptoms of Piles)
पहले यह समझना जरूरी है कि बवासीर के लक्षण क्या हैं, ताकि समय रहते इसका इलाज किया जा सके:

- मल त्याग के दौरान दर्द या जलन
- गुदा के पास सूजन या गांठ महसूस होना
- मल में खून आना
- लगातार खुजली या असहजता
- बैठने या चलने में परेशानी
- पेट भारी लगना या कब्ज़ रहना
अगर ये लक्षण दिखें, तो तुरंत ध्यान देना चाहिए और घरेलू उपायों की शुरुआत करनी चाहिए।
बवासीर (piles) के लिए असरदार घरेलू नुस्खे
दोस्तों नीचे बताए गए सभी नुस्खे 100% प्राकृतिक हैं और लंबे समय से आज़माए जा रहे हैं। अगर बवासीर शुरुआती स्टेज में है, तो ये उपाय बहुत प्रभावी साबित हो सकते हैं।
1. त्रिफला चूर्ण (Triphala Churna)
कैसे मदद करता है:
त्रिफला आयुर्वेद का सबसे लोकप्रिय पाचन सुधारक है। यह शरीर से टॉक्सिन निकालता है, कब्ज़ को खत्म करता है और मल को नरम बनाता है।
कैसे इस्तेमाल करें:
- रात को सोने से पहले एक गिलास गुनगुने पानी में 1 चम्मच त्रिफला चूर्ण मिलाकर पिएं।
- इसे रोज़ाना 15 दिनों तक करें, कब्ज़ से तुरंत राहत मिलेगी।
2. एलोवेरा जेल (Aloe Vera)
कैसे मदद करता है:
एलोवेरा में एंटी-इंफ्लेमेटरी और कूलिंग गुण होते हैं, जो सूजन और दर्द को शांत करते हैं।
कैसे इस्तेमाल करें:
- एलोवेरा जेल को सीधे प्रभावित स्थान पर लगाएं।
- चाहें तो रोज़ाना एक चम्मच एलोवेरा जूस खाली पेट भी पिएं।
3. लहसुन (Garlic)
कैसे मदद करता है:
लहसुन में प्राकृतिक एंटीसेप्टिक गुण होते हैं जो सूजन और इंफेक्शन को रोकते हैं।
कैसे इस्तेमाल करें:
- 2-3 लहसुन की कलियों को पानी में उबालें और ठंडा करके प्रभावित स्थान पर लगाएं।
- रोज़ सुबह खाली पेट एक कच्ची लहसुन की कली खाने से भी फायदा होता है।
4. आम की गुठली का चूर्ण
कैसे मदद करता है:
आम की गुठली में फाइबर और एंटीऑक्सीडेंट्स होते हैं, जो आंतों की सफाई करते हैं और बवासीर की सूजन को कम करते हैं।
कैसे इस्तेमाल करें:
- सूखी आम की गुठलियों को पीसकर चूर्ण बना लें।
- रोज़ाना सुबह खाली पेट एक चम्मच चूर्ण गुनगुने पानी के साथ लें।
5. काला तिल और मिश्री
कैसे मदद करता है:
यह शरीर को ठंडक देता है और गुदा की जलन को शांत करता है।
कैसे इस्तेमाल करें:
- एक चम्मच काला तिल, एक चम्मच मिश्री और एक गिलास दूध मिलाकर रोज़ पिएं।
- यह उपाय खून आने वाली बवासीर में बहुत राहत देता है।
6. फाइबर युक्त आहार लें
कैसे मदद करता है:
फाइबर से भरपूर खाना पाचन को आसान बनाता है और मल को मुलायम रखता है, जिससे दबाव नहीं बनता।
क्या खाएं:
- ओट्स, ब्राउन राइस, साबुत अनाज
- हरी सब्ज़ियाँ जैसे लौकी, तोरी, पालक
- फल जैसे पपीता, सेब, केला
- खूब सारा पानी (कम से कम 3-4 लीटर रोज़)
7. नारियल तेल (Coconut Oil)
कैसे मदद करता है:
नारियल तेल में ठंडक और सूजन घटाने वाले गुण होते हैं। यह गुदा की त्वचा को मॉइस्चर देता है और खुजली से राहत देता है।
कैसे इस्तेमाल करें:
- दिन में दो बार नारियल तेल प्रभावित स्थान पर लगाएं।
- चाहें तो 1 चम्मच वर्जिन कोकोनट ऑयल रोज़ सुबह खाली पेट भी ले सकते हैं।
8. Sitz Bath (गर्म पानी से स्नान)
कैसे मदद करता है:
यह बवासीर के दर्द और सूजन को कम करने का सबसे आसान और असरदार उपाय है।
कैसे करें:
- एक टब में गुनगुना पानी लें।
- उसमें थोड़ा सा नमक डालें।
- 15 मिनट तक बैठें।
- दिन में 2 बार करें, दर्द और जलन में तुरंत आराम मिलेगा।
9. नींबू और शहद
कैसे मदद करता है:
नींबू शरीर से विषैले पदार्थ निकालता है, और शहद कब्ज़ को दूर करता है।
कैसे इस्तेमाल करें:
- एक गिलास गुनगुने पानी में आधा नींबू और एक चम्मच शहद मिलाएं।
- सुबह खाली पेट पिएं।
10. घी और दूध का मिश्रण
कैसे मदद करता है:
यह आंतों को चिकनाई देता है और मल त्याग को आसान बनाता है।
कैसे इस्तेमाल करें:
- रात को सोने से पहले एक गिलास गर्म दूध में एक चम्मच देसी घी मिलाकर पिएं।
- यह पुराने कब्ज़ को खत्म करता है।
योग और जीवनशैली में बदलाव
घरेलू नुस्खों के साथ-साथ कुछ जीवनशैली में बदलाव करना भी जरूरी है, ताकि बवासीर दोबारा न हो।
1. योगासन करें
कुछ विशेष योगासन पाचन और रक्त संचार को बेहतर बनाते हैं:
2. नियमित व्यायाम करें
रोज़ाना 30 मिनट टहलने से कब्ज़ और पाचन की समस्या नहीं रहती।
3. इन चीज़ों से बचें
- मसालेदार, तला हुआ और जंक फूड
- शराब और धूम्रपान
- ज्यादा देर तक बैठना या मोबाइल पर झुककर रहना
कुछ असरदार आयुर्वेदिक घरेलू मिश्रण
नीम और हल्दी का लेप
- दोनों में एंटीसेप्टिक गुण होते हैं।
- हल्दी पाउडर और नीम का रस मिलाकर पेस्ट बनाएं और प्रभावित जगह पर लगाएं।
अंजीर (Figs)
- 2 सूखे अंजीर रात में पानी में भिगो दें।
- सुबह खाली पेट खाएं।
- यह आंतों की सफाई में मदद करता है।
पर्याप्त पानी पीना है सबसे जरूरी
- पानी हमारे शरीर का सबसे सस्ता और असरदार “डिटॉक्स एजेंट” है।
- दिनभर में कम से कम 8–10 गिलास पानी जरूर पिएं।
- इससे पाचन सुधरता है और मल त्याग में आसानी होती है।
आयुर्वेदिक दवाएं जो सहायक हैं
अगर आपको लगे कि सिर्फ घरेलू उपाय से राहत कम मिल रही है, तो ये कुछ आयुर्वेदिक औषधियां भी काम आ सकती हैं (डॉक्टर की सलाह से लें):
- अरशकूथार रस
- अभयारिष्ट
- त्रिफला गुग्गुलु
- कायम चूर्ण
जरूरी सावधानियां
- टॉयलेट रोककर न रखें।
- मल त्याग के समय ज़ोर न लगाएं।
- लंबे समय तक बैठे न रहें।
- स्ट्रेस और गुस्सा कम करें।
FAQs (अक्सर पूछे जाने वाले सवाल)
Q1. क्या बवासीर पूरी तरह ठीक हो सकती है?
हाँ, शुरुआती स्टेज में यह पूरी तरह ठीक की जा सकती है, अगर सही खानपान और घरेलू उपाय अपनाए जाएं।
Q2. क्या बवासीर में दूध पी सकते हैं?
हाँ, लेकिन उसमें घी या त्रिफला मिलाकर पीना ज़्यादा फायदेमंद होता है।
Q3. क्या गर्म पानी से बैठना फायदेमंद है?
हाँ, Sitz Bath सूजन और दर्द को कम करने में बहुत असरदार है।
Q4. क्या बवासीर में केला खाना सही है?
बिल्कुल, केला फाइबर से भरपूर होता है और कब्ज़ को दूर करता है।
निष्कर्ष (Conclusion)
दोस्तों बवासीर कोई गंभीर बीमारी नहीं है, लेकिन अगर इसे नज़रअंदाज़ किया जाए तो यह बड़ा रूप ले सकती है।प्राकृतिक नुस्खे जैसे त्रिफला, एलोवेरा, नारियल तेल, नींबू और फाइबर युक्त भोजन नियमित रूप से अपनाकर आप बिना दवा के भी काफी राहत पा सकते हैं। और साथ ही थोड़ी सी जीवनशैली में सुधार, समय पर पानी पीना, और रोज़ाना थोड़ी एक्सरसाइज़ करने से भी बवासीर जैसी परेशानी हमेशा के लिए दूर हो सकती है।

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